tag:blogger.com,1999:blog-7881824256880602251.post2810633082969082816..comments2023-08-10T08:56:49.344-07:00Comments on तुहिन: "ये भी कोई जीना है"Raghunath Prasad रघुनाथ प्रसादhttp://www.blogger.com/profile/09492440882734859360noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-7881824256880602251.post-84663334926595437272009-06-10T17:00:30.749-07:002009-06-10T17:00:30.749-07:00खुशी का ठिकाना नहीं रहा आपको ब्लाग पर देखकर। मुबार...खुशी का ठिकाना नहीं रहा आपको ब्लाग पर देखकर। मुबारकबाद। रही रचना की बात तो इस मामले में मैं आपका शुरू से कायल रहा हूँ। <br /><br />जीवन में संघर्ष नहीं तो ,<br />जीने का आकर्षण क्या?<br />अभिलाषा फूलों की हो तो,<br />काँटों बीच निकलना है ।<br /><br />बहुत प्रेरक पंक्तियाँ। वाह। जरा इसी भाव की पंक्तियाँ देखें-<br /><br />हहाकार लड़ना होगा किलकारी से भरना होगा।<br />सुमन चाहिए अगर आपको काँटों बीच गुजरना होगा।।<br /><br />सादर <br />श्यामल सुमन <br />09955373288 <br />www.manoramsuman.blogspot.com<br />shyamalsuman@gmail.comश्यामल सुमनhttps://www.blogger.com/profile/15174931983584019082noreply@blogger.com