जो हृदय झंकृत न कर दे ,वह भला संगीत क्या है ?
जो न मन को छू सके ,वह काव्य क्या वह गीत क्या है ?
जीत लें ऐश्वर्य वैभव ,आप सारे विश्व का ।
जो न मन को जीत पाये ,तो भला वह जीत क्या है ?
यूँ तो अक्सर ही मिला हैं यारों दो बदन। ,
जो हृदय ना मिल सके ,वह प्रणय क्या वह प्रीत क्या है ?
साथ देने के लिए ,सुख में बहुत आते हैं लोग ।
साथ छोड़ें गर्दिशों में ,दोस्त क्या वह मीत क्या है ?
सत्य जो सुंदर वही है ,शिव वही सास्वत वही ।
इस अनादी अनंत का ,इतिहास और अतीत क्या है ?
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रघुनाथ प्रसाद
Wednesday, December 9, 2009
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behatareen rachna.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर मज़ा आगया
ReplyDeleteसाथ देने के लिए ,सुख में बहुत आते हैं लोग ।
साथ छोड़ें गर्दिशों में ,दोस्त क्या वह मीत क्या है ?
क्या बात कही है | बहुत बहुत आभार